हिंदी आशुलिपि (ऋषि प्रणाली) - अभ्यास - 03
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हिंदी आशुलिपि (ऋषि प्रणाली) - अभ्यास - 03


किसी भी तरह की आशुलिपि (शॉर्टहैंड) हो व्यंजनों

को मिलाकर किस प्रकार से शब्दों को बनाया जाता है इसका ज्ञान होना बहुत आवश्यक होता है।

इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं इसी विषय पर ये ब्लॉग कि हिंदी आशुलिपि की ऋषि प्रणाली के व्यंजनों को मिलाकर शब्दों को किस प्रकार बनाया जाता है। इस बात का ध्यान दिया जाये कि ये सिर्फ व्यंजनों को मिलाकर बनाने की प्रक्रिया के बारे में हैं। स्वरों के बारे में मैं आपको आगे बताऊंगा। तो चलिए शुरू करते हैं।


निम्नलिखित नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा उनका अनुसरण करते हुए हमें आगे शब्दों को बनाना है। इसकी अभ्यास भी करें। जो मैंने नीचे पिडिएफ के माध्यम से दे दी है। इसका हल हम आगे के ब्लॉग्स में देंगे।


1. व्यंजनों को मिलाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कलम कागज से न उठे और जहाँ पर पहले व्यंजन का अंत हो वहीं से दूसरा व्यंजन आरम्भ हो।


जैसे कि आप चित्र में देख पा रहे हैं।








2. जब दो व्यंजन मिलते हैं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नीचे आने या ऊपर जाने वाला प्रथम अक्षर कारी की रेखा पर हो। दूसरे अक्षर लाइन से कहीं भी बनाये जा सकते हैं।


जैसे कि आप चित्र मं देख पा रहे हैंः -






3. कवर्ग के अक्षर, म, न और ड* मतलब जो आड़े अक्षर हैं यदि इन अक्षरों के पहले आने पर तथा इनके बाद ऊपर से नीचे की ओर लिखे जाने वाले अक्षर आते हैं। तो ये आड़े अक्षर रेखा से ऊपर लिखे जाते हैं तथा इनके बाद ऊपर से नीचे लिखे जाने वाले अक्षर आते हैं।

जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं।


4. यदि कवर्ग, म, न और ड* यानि आड़े अक्षरों के बाद ऊपर जाने वाले अक्षर आते हैं तो ये आड़े अक्षर कापी की रेखा पर बनाये जाते हैं और फिर नीचे से ऊपर जाने वाले अक्षर बनाये जाते हैं। जैसा कि आप चित्र में देख पा रहे हैं।



5. यदि इन आड़े अक्षरों ( कवर्ग, म,न और ड*) के बाद इन्हीं वर्णों मतलब कि आड़े अक्षर ही आयें तो ये अक्षरे रेखा से ही आरंभ होंगे । जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं।



6. यदि दो या दो से अधिक आड़े अक्षर (कवर्ग, म, न और ड*) साथ में आये और फिर उसके बाद ऊपर से नीचे की ओर बनने वाले अक्षर आयें तो फिर ये आड़े अक्षर रेखा से ऊपर की ओर बनाये जाते हैं।

जैसे किः -





7. पहले अक्षर का स्थान निर्धारित होने के पश्चात दूसरे अक्षर पहले अक्षर से मिलाकर लिखे जाते हैं। दूसरे अक्षर के स्थान पर ज्यादा विचार नहीं किया जाता है।


जैसे किः -









8. वक्र अक्षर कुछ इस प्रकार से मिलाकर दोहराए जाते हैंः-












9. सरल अक्षर इस तरह दोहराये जाते हैं। जैसे - चित्र नीचेः -















10. चवर्ग के अक्षर और र (ऊ), ड़ (ऊ) जब दूसरे अक्षर से मिलते हैं तो ऊपर और नीचे की लिखावट से पहचाने जाते हैं। फिर उसमें च और र के कोण का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। चवर्ग के अक्षर नीचे को और र(ऊ) और ड़(ऊ) को लिखे ज़ाते हैं।


जैसे - चित्र सामने -


11. स दायाँ- बायां और ल, र नीचे - ऊपर नियमानुसार

लिखे जाते हैं।


जैसे चित्र - सामने -






नोटः- एक और बात है कि आशुलिपि किसी को बांधकर नहीं रखती है। आप व्यंजनों को अपनी सुविधा के अनुसार मिलाकर भी बना सकते हैं। मगर आपको ऊपर दिये गये नियमों के आधार पर चलने से भविष्य में कोई असुविधा नहीं होगी।




अभ्यास - 03 व 04 की पिडिएफ फाइल के लिए यहाँ क्लिक करें-


अभ्यास - 03 के हल के लिए यहाँ क्लिक करें


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