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स्टेनोग्राफी क्या है?
यदि ओक्सफोर्ड डिक्शनरी की माने तो इसका मतलब होता है: - एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें किसी वक्तव्य, भाषण, प्रति आदि को आशुलिपि या संकेत लिपि में लिखना तथा उसका प्रतिलेखन कंप्यूटर या टाइपराइटर की मदद से करना । यदि, शब्दों को विभाजित करके देखें तो पाते हैं - स्टेनो - जिसका ग्रीक भाषा में अर्थ होता छोटा और ग्राफर जो कि ग्रीक शब्द ग्रेफियन से निकला है - उसका अर्थ
होता है- लिखना । अर्थात्, शॉर्टहैंड या स्टेनोग्राफी का मतलब है - छोटा लिखना ।
अन्य नामः -
हम स्टेनोग्राफी को कईं और नामों से भी जानते हैं जैसे कि – शॉर्टहैंड, संकेत लिपि आदि, और इन सबका मतलब होता है कि किसी भी भाषा में बोले गये भाषणों, वक्तव्यों को शॉर्टहैंड यानि की संकेत लिपि में लिखना और फिर उसे पढ़कर उसी भाषा में टाइपराइटर, कंप्यूटर आदि पर टाइप करके या अन्य किसी माध्यम से प्रतिलेखन यानि रूपांतरित करना।
स्टेनोटाइपिस्ट व स्टेनोग्राफर में अंतरः -
स्टेनोग्रॉफी, स्टेनोटाइप या स्टेनोटाइपिंग से बिल्कुल अलग है। मैनें यूट्यूब तथा अन्य कईं सोशल मिडिया पोर्टल पर देखा है लोग स्टेनोग्राफी तथा स्टेनोटाइपिंग को एक जैसा बता देते हैं या फिर दोनों को मिश्रित कर बता देते हैं। ये दोनों अलग प्रकार की कलाएं या कहिए कौशल हैं । स्टेनोग्रॉफी में एक स्टेनोग्रॉफर अपनी पैंसिल या पेन के माध्यम से भाषणों या वक्तव्यों को संकेत लिपि में लिखता है और फिर उनका रूपांतरण कंप्यूटर इत्यादि पर करता है जबकि एक स्टेनोटाइपिस्ट बोले गये भाषणों को एक विशेष प्रकार के कि-बोर्ड का उपयोग करके सीधे टाइप करता है ।
स्टेनोटाइपिस्ट व स्टेनोग्राफर कैसे अस्तित्व में आयाः-
डिक्टेशन, जिसे हिंदी में श्रुतलेखन कहते हैं- इसमें हम किसी के वक्तव्यों को अपनी शोर्टहैंड में यानि संकेत लिपि में लिखते हैं और उसका रूपांतरण करते हैं। सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों को अपने वक्तव्यों के अनुसार पत्र या रिपोर्ट बनाने की आवश्यकता पड़ती है। यहीं से स्टेनोग्रॉफर या आशुलिपिक की आवश्यकता पड़ती है। विधानसभा हो या लोकसभा, नेताओं के भाषणों को लिखकर रिकॉर्ड बनाने, तथा न्यायालयों में न्यायाधीशों के वक्तव्यों या फैसलों को लिखने में स्टेनोग्रॉफरों की बहुत आवश्यकता होती है। शॉर्टहैंड का इस्तेमाल इसलिए अस्तित्व में क्योंकि ये जगजाहिर है कि कोई भी भाषा की लिपि में मात्र 30-40 शब्द प्रति मिनट की गति से लिखा जा सकता है और इस गति से भाषणों तथा विधानसभा/लोखसभा के वक्तव्यों को लिख पाना असंभव है । इसलिए , भाषाओं की ऐसी लिपि बनाने की आवश्यकता सामने आई जिसके माध्यम से हम भाषणों व वक्तव्यों को लिख सकें । और आज शॉरेटहैंड/संकेत लिपि के माध्यम से अनगिनत आशुलिपिक 80-90 शब्द प्रति मिनट से लेकर 150 शब्द प्रति मिनट की गति से लिख पाते हैं । परन्तु ये सब कड़ी मेहनत और लगन से ही संभव है ।
फिलहाल की स्थितिः -
भारत ही नहीं, लगभग हर देश में स्टेनोटाइपिस्ट या स्टेनोग्रॉफर की बहुत आवश्यकता है। भारत के हर एक मंत्रालय, विभाग में स्टेनो हैं। हर एक मंत्रालय व विभाग में स्टेनो के लिए अलग से पद हैं। अलग-अलग विभागों में अलग-अलग प्रकार से परीक्षाओं के माध्यम से स्टेनों का चयन व नियुक्ति होती है। जैसे की कुछ महत्वपूर्ण परीक्षाएँ हैं: -
(क) एस.एस.सी. स्टेनोग्रॉफर परीक्षा
(ख) यू.पी.एस.एस.एस.सी. स्टेनोग्रॉफर
(ग) बी.एस.एफ. स्टेनो (ए. एस.आई.)
(घ) सी.आर.पी.एफ. स्टेनो (ए.एस.आइ.)
(ङ) डी.एस.एस.एस.बी. स्टेनो।
(च) आई.टी.बी.पी. स्टेनो (ए.एस.आइ.)
(छ) यू. पी. (ए.एस.आइ.) स्टेनो ।
(ज) दिल्ली पुलिस (ए.एस.आइ.) स्टेनो।
(झ) सभी विधानसभाओं में स्टेनो के लिए परीक्षा।
(ञ) लोकसभा स्टेनो (पार्लियामेंटरी स्टेनो)
(ट) राज्यसभा स्टेनो (पार्लियामेंटरी स्टेनो)
(ठ) डी.डी. ए. स्टेनो आदि ।
और भी काफि परीक्षाएँ हैं ।
इस लेख में आपने जाना स्टेनोग्राफी क्या होती है? शॉर्टहैंड क्या होती है? स्टेनोटाइप क्या होती है?
हम इसी प्रकार से स्टेनोग्राफी, शॉर्टहैंड, टाइपिंग, आशुलिपिक एवं इनसे जुड़ी परीक्षाओं, किताबों व तमाम सरकारी नौकरियों से संबंधित जानकारी जारी करते हैं । आपका बहुमूल्य सुझाव हमें जरूर दें । अधिक जानकारी के लिए हमारे यूट्यूब चैनल beingstenos.com पर जरूर जाएं तथा हमारी वेबसाइट–www.beingstenos.com पर भी अवश्य जाएं ।
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